Tuesday, 31 May 2016

God of globle

ये दुनिया एक सिनेमा है । और हमलोग इसके कलाकार और पात्र है । जिन्दगी में घटने वाली घटन्नाये इसकी कहानी है । और इसे दर्शने और इसका निर्मार्ण करने वाले हमारे भगवान जी है । कितना मजा आता है न जब कोई सिनेमा देखकर बाहार निकलते है हम । लेकिन जो हम देखकर अपना मनोरजन करते है वो काल्पनिक होता है । जो हमारे साथ घटता वो सत्य है । भगवान ने अपने मनोरजन के लिए  सिर्स्टी का निर्माण किया । और उसका नाम पृथ्वी रखा है ।
जिसमे भगवान को देखने के लिये मिलता है । प्रेम परसंग, चोरी डकेती, हत्या , सुख- दुःख , भावनाए , और जो इन सबको मिलाकर सबसे रोचक शब्द बनता है । वो है मनोरजन ।
सच में भगवान भगवान ही होता है ।
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